Digital Signature क्या हैं और Digital Signature कैसे काम करता है ?

नमस्कार दोस्तों आशा करता हूं आप बिल्कुल ठीक होंगे दोस्तों हम आज इस आर्टिकल के मदद से Digital Signature क्या हैं और Digital Signature कैसे काम करता है के बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से प्राप्त करने वाले हैं और समझने भी वाले हैं। दोस्तों वैसे तो आप सिकनेचर को अपने जीवन में जगह जगह में उपयोग करते हैं। सिकनेचर अर्थात हमार हस्ताक्षर ये हमारी सहमति की निशानी है।

यदि कहीं हम अपने सिकनेचर लिख रहे हैं तब इस का मतलब साफ साफ होता है की हम उस चीज़ से अपनी सहमति को पूर्ण रूप से जाहिर कर रहे हैं। जैसे की किसी Bank के check book में, या फिर किसी government document में जहाँ हमारी  सहमति हो वहां हम अपना सिकनेचर लिखते हैं। लेकिन क्या कभी आप ने कभी ये सोचा है की ये सिकनेचर को भी नकली और फर्जी किया जा सकता है।

दोस्तों ऐसे तो बहुत से लोग हैं जो की किसी भी सिकनेचर की हुबहू नक़ल और फर्जी कर सकते हैं। अब यहाँ थोड़ी डरने की बात है क्यूंकि अगर ऐसे फर्जी और नकली Signatures से हमारी कठिन मेहनत से कमाई गयी पैसे कोई भी काफी आसानी से लुट लेगा तो ये वाकई डरने वाली बात है। लेकिन अब आप घबराय नहीं क्यूंकि अब हम Physical Signature के काफी आसानी से बदलाव हो सकता है । मगर अब तो Digital Signature का इस्तमाल शुरू कर चुके हैं।

दोस्तों मगर आज भी कई सारे ऐसे लोग है जो जानना चाहते है कि आखिर Digital Signature क्या होता है और Digital Signature कैसे काम करता है और Digital Signature कैसे बनाया जाता है और Digital Signature क्या legal है या  illegal है और डिजिटल सिग्नेचर के कितने प्रकार होता है और Digital Signature certificate क्या होता है और Digital Signature certificate का क्या काम होता है और Digital Signature certificate का फायदे क्या क्या है और Digital Signature certificate का क्या महत्व है। 

इन्ही सभी सवालों का जवाब देने के लिए हमने इस लेख को लिखा है तो दोस्तों अगर आप सच में Digital Signature के बारे में जानना चाहते है तो आप से मेरा यह अनुरोध है कि आप मेरे इस को ध्यान से पूरे ऑन तक पढ़े तभी आपको मेरा यह लेख अच्छे से समझ में आएगा तो चलिए शुरू करते हैं इसलिए को बिना देरी किए हुए

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डिजिटल सिग्नेचर क्या हैं? (What is Digital Signature in hindi)

Electronic Signatures vs Digital Signatures

दोस्तों अगर आपके मन में यह सवाल है कि आखिर Digital Signature क्या होता है तो आप हमारे इस टॉपिक के साथ अंत तक बने रहिए क्योंकि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं । तो चलिए शुरू करते हैं इस पैराग्राफ को बिना देरी किए हुए हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि

Digital Signature एक digital message या document की प्रामाणिकता को पूर्ण रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक बेहतरीन तरह का  गणितीय योजना है। 

एक वैध Digital Signature एक प्राप्तकर्ता को यह विश्वास देता है कि message एक ज्ञात प्रेषक यानी कि (Sender) के द्वारा ही बनाया गया था। क्या आप को मालूम है कि यह Digitally Sign किया हुआ एक विशेष Code के रूप में होता है जिस का इस्तेमाल किसी भी Online Document की प्रमाणिकता के लिए किया जाता है।

Digital Signature (signature) हाथ के द्वारा किये गए signature की तरह ही होता है परन्तु इसे हाथ के द्वारा किये गए signature विश्वसनीय तथा सुरक्षित नही होते हैं जब कि digital signature विश्वसनीय तथा सुरक्षित होते है।

 (authentication) यानी को प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए Digital Signature कुछ प्रकार के Encryption पर पूरे तरह से निर्भर करते हैं।  हम आप के जानकारी के लिए बता दे कक Digital Signature public key  cryptography की विधि पर पूरे तरह से आधारित है।

इस में तकरीबन दो keys यानी कि चाभी का प्रयोग किया जाता है। मैसेज को encrypt करने वाली key को पुब्लिक के लिए रखा जाता है और मैसेज को decrypt करने वाली चाभी को सब से secret रखा जाता है।

Digital Signature Digital communication में एक electronic document या message की प्रामाणिकता की guarantee देता है और original और असम्बद्ध documents के प्रमाण प्रदान करने के लिए encryption तकनीकों का इस्तेमाल करता है।

सॉफ्टवेयर डिस्ट्रीब्यूशन software distribution, ई-कॉमर्स e commerce,  वित्तीय लेनदेन और अन्य स्थितियों में digital signature का उपयोग किया जाता है जो जाल साजी या छेड़ छाड़ का पता लगाने वाली तरह तरह के तकनीकों पर भी निर्भर करते हैं। एक digital signature को electronic signature के रूप में भी जाना जाता है|

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डिजिटल सिग्नेचर का इतिहास (History of Digital Signature in hindi)

Digital Signature Online Free - Sign Documents Online - DigiSigner

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि डिजिटल सिग्नेचर का इतिहास क्या क्या रहा है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि हमने इस के इतिहास को नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

1976: हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि  (Whitfield Diffie and Martin Hellman) यानी कि व्हिटफील्ड डिफी और मार्टिन हेलमैन ने पहली बार एक Digital Signature योजना के ऊपर विचार विमर्श कर के उस का वर्णन किया, लेकिन उन्होंने केवल यह कहा कि ऐसी योजनाएं भी मौजूद हैं और बताया कि ऐसा भी हो सकता है।

1977: फिर कुछ समय बाद तकरीबन 1977 में  रोनाल्ड रिवेस्ट और लेन एडेलमैन, आदि शमीर (Adi Shamir, Ronald Rivest and Len Adleman) ने RSA एल्गोरिथ्म  algorithm का आविष्कार यानी को खोज किया, जिस का इस्तेमाल एक प्रकार के आदिम Digital Signature का उत्पादन करने के लिए ही किया जा सकता है।

1988: गाइस क्या आप को मालूम है कि कुछ समय बाद Lotus Notes 1.0, जिसने RSA algorithm का इस्तेमाल किया था, उन्होंने ही Digital Signature की पेशकश करने वाला पहला व्यापक रूप से विपणन software package बन गया।

1999: हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि Digital Signature को दस्तावेजों में embed करने की क्षमता पीडीएफ PDF प्रारूप में अच्छे तरह से जोड़ी गई थी।

2000: फिर कुछ समय बाद तकरीबन वर्ष 2000 में ESIGN अधिनियम Digital Signature को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाता है और इस का उपयोग भी होने लगा था।

2002: उस के बाद तकरीबन 2002 में  SIGNiX की स्थापना हुई और क्लाउड-आधारित Digital Signature software का सब से अधिक इस्तेमाल किया जाता है|

2008: दोस्तों क्या आप को मालूम है कि PDF file format ISO 32000 के रूप में मानकीकरण यानी कि (ISO) के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन के लिए एक खुला रूप से मानक बन गया। इस में format के अभिन्न अंग के रूप में Digital Signature शामिल हैं।

आज, Digital Signature अच्छी तरह से स्थापित किए गए हैं जो दस्तावेजों पर online signature करने का सबसे भरोसे मंद तरीका है। मूल Digital Signature तकनीक के विपरीत, आज के Digital Signature आसानी से उपयोग किए जा सकते हैं और internet connection वाले किसी भी computer का इस्तेमाल कर के बनाया जा सकता है।

तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Digital Signature का इतिहास रहा है। तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं।

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Digital Signature कैसे बनाये और कैसे काम करता है

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दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital Signature कैसे बनाये और कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि Digital Signature पुब्लिक key यानी कि Cryptogrphy के ऊपर ही पूरे तरह से आधारित है जिसे आमतौर पर Asymmetric Cryptography भी लोग कहते हैं।

हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि ये Public key के Algorithm जैसे की RSA का उपयोग कर के तकरीबन दो keys generate करता है जो की हैं  Public और Private होता है।

और ये दोनों भी आमतौर पर keys Mathematically यानी कि (गणितीये रूप) से linked होते हैं। क्या आप को मालूम है कि  Digital Signature बनाने के लिए आप को Signing Software की मदद लेना पड़ेगा और इस से जिस किसी भी electronic data का signature बनाना है उस का one way Hash काफी आसानी से बनाया जाता है। फिर Private Key की मदद से hash को अच्छी ढंग से encrypt किया जाता है।

इसी encrypted hash और उस के संग में अच्छे तरह से जुड़े और दुसरे सारी information यानी कि जानकारी जैसे की Hashing Algorithm  को Digital Signature को भी कहा जाता है।

क्या आप को मालूम है कि यहाँ हम पुरे message की जगह खाली Hash को ही अच्छे ढंग से encrypt करते हैं। गाइस ऐसा इस लिए है क्यूंकि Hash Function की सहायता से हम किसी arbitrary input को एक fixed length value के रूप में काफी आसानी से तब्दील कर सकते हैं जो की आम तोर से एक छोटा होता है। हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि ऐसा करने से समय की बहुत बचत होती है क्यूंकि Signing, Hashing, के मुकाबले बहुत faster आसान भी होता है।

क्या आप को मालूम है कि Hash का value पूरे तरह से unique होता है यदि हम उस के Hashed Data को analyse कर के देखें तब यदि कुछ भी इस मे  बदलाव आता है उस Data में, यहाँ तक की अगर एक character की भी हेर फेर होती है तब result में कुछ अलग तरह का दूसरा ही value दिखायेगा।

यह विशेषता दूसरों को हैश के Decrypt करने के लिए हस्ताक्षरकर्ता यानी की Signature की Public Key का इस्तेमाल कर के data की Integrity को पूरे तरह से validate करने में सक्षम बनाता है। गाइस अगर वह decrypted hash से match करता है दुसरे computed Hash के साथ तब ये जा कर के आप की प्रमाण को देता है की data में कोई बदलाव नहीं हुआ है सब अच्छा है। 

और अगर दोनों Hash के data match नहीं किये तो ये बात मुमकिन है की data में कुछ बदलाव जरुर हुआ है, इस में और विस्वास नहीं किया जा सकता। दोस्तों अब में आप लोगों को एक बेहतरीन और आसान सा उदहारण दे कर के कुछ समझाना चाहता हूँ । दोस्तों मान लीजिये की एक ब्यक्ति है “A” जो की अपने email के जरिये कुछ जरुरी  दस्तावेज को दूसरे जगह पर भेजना चाहता है दुसरे आदमी है “B”.

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और दूसरी ब्यक्ती जिस document को digitally Signed करने की जरुरत है और उस मे hash function (a small program) अप्लाई किया जाता है और जिस से एक “numbered sequence” पूरे तरह से निकलता है जिसे हम आमतौर पर Hash कहते हैं। और दोस्तों उस के बाद में उसी Hash को encrypt एन्क्रिप्ट भी किया जाता है “Sender Private Key” के साथ में.

ऐसा करने के बाद अब वो document digitally रूप से signed हो जाता है। और उसे दुसरे आदमी को वापस से भेज दिया जाता है। अब दुसरे आदमी जिस को “B” के नाम से जान रहे है उस को भी Signed Document यानी कि दस्तावेज मिल जाता है, अभी उस दस्तावेज की authenticity को अच्छे तरह से check करने के लिए अब उसे कुछ जरुरु चीज़ें करनी पड़ती है।

दोस्तों क्या आप को मालूम है कि सबसे पहले उसे उस दस्तावेज पर “Hash function” का उपयोग करना पड़ा, जिस से उसे result में Hash (जिसे हम आमतौर पर H1 भी कहते हैं) मिलेगा। दूसरा कदम उसे उस Signed दस्तावेज को अच्छी तरह से decrypt करना पड़ेगा “Sender Public Key” उपयोग कर के और जिस से उसे result में Hash (जिसे हम आमतौर पर H2 भी कहते हैं) और यह मिलेगा।

अब दोनों H2 और H1 को compare करना पड़ेगा, और अगर H2 और H1 दोनों सामान निकले, तो हम बोल सकते हैं की वह Signed दस्तावेज पूरी तरह से original यानी कि असली है और उस मे कोई भी हेर फेर नहीं हुई है यह पहले जैसा था बिल्कुल अभी भी वैसा ही है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही इस को बनाया जाता है और इस का उपयोग भी किया जाता है। तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं।

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डिजिटल सिग्नेचर के प्रकार (Type of Digital Signature Certificate in Hindi)

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दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital Signature के कितने कितने प्रकार होते है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि

DSC का full form Digital Signature Certificate होता है, जो फिलहाल के समय मे तीन तरह के Digital Signature Certificate (DSC) होते है और उन तीनों प्रकार को नीचे में हमने स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो चलिए उन्हें जान लेते है।

Class I DSC

दोस्तों क्या आप को मालूम है कि जब  Digital Signature की बात होती है तो उसका पहला प्रकार Digital Signature class I होता है।

यह किसी भी उपयोगकर्ता के लिए जारी  किया जाता है। क्या आप को मालूम है कि इस में उपयोगकर्ता की email और नाम identification की पुष्टि होती है। इस class का Signature एक basic level की Security प्रदान करता है। यह ऐसे स्थिती में उपयोग किया जाते है जहां पर data नुकसान होने का खतरा भी कम होता रहता हैं।

Class II DSC

दोस्तों क्या आप को मालूम है कि जब  Digital Signature की बात होती है तो उसका दूसरा प्रकार Digital Signature Class II होता है।

यह Businessman या फिर Private संस्थाओं में कार्य करने वालों के लिए पूर्ण रूप से जारी होता है, क्या आप को मालूम है कि इस के माध्यम से online form भर सकते है, साथ ही आप इस Digital Signature Certificate यानी कि DSC के द्वारा Online Government यानी कि सरकारी काम करा सकते है। 

क्या आप को मालूम है कि इस क्लास का Digital Signature बनाने के लिए उपयोगकर्ता की आवश्यक डॉक्यूमेंट जैसे-  पैन कार्ड, ईमेल, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, फ़ोटो आदि की काफी जरूरत होती है।

अक्सर इस प्रकार का Digital Signature electronic filing के document के साथ income tax रिटर्न और सामानों, सर्विस टैक्स (GST) return के लिए इस्तेमाल होता हैं। ये Digital Signature ऐसे स्थिति में उपयोग किया जाता है जहां deta नुकसान होने का जोखिम मध्यम भी होते हैं यह ही Digital Signature का दूसरा प्रकार होता है।

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Class III DSC

दोस्तों क्या आप को मालूम है कि जब  Digital Signature की बात होती है तो उसका दूसरा प्रकार Digital Signature Class III होता है। यह Digital Signature का सब से बड़ा स्तर है, क्योकि यह पूर्ण रूप से सब से अधिक सुरक्षित होता है। इसके लिए Certified Authority (CA) यानी कि डायरेक्ट अथॉरिटी से मिल कर आप को Document की पुष्टि करना पड़ता है। 

इस Digital Signature के लिए आवेदन कर रहे व्यक्ति या संगठन को अपनी पहचान को उन के बीच बेहतरीन तरह से  साबित करने के लिए प्रमाणित प्राधिकारी (Registration Authority) के सामने उपस्थित होना पड़ता है। इस प्रकार के Digital Signature का उपयोग E-Commerce, E-Auctions, E-Ticketing, E-Tendering, फॉरेन ट्रेड कोर्ट फाइलिंग, और भी कई सारे दूसरे कामों में भी किया जाता है। 

यह ऐसी स्थिति में उपयोग होता है जहां deta के लिए खतरा या सुरक्षा विफलता के परिणाम स्वरूप बहुत अधिक होते है।तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Digital Signature का प्रकार होता है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं। 

Digital signature under the Indian Law. (Legal Aspect in hindi)

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital signature under the Indian Law. Legal Aspect in hindi तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि अब आप लोगों के मन में ये सवाल तो जरुर ही आ रहा होगा की आखिर ये Digital Signature हमारे Indian Law से certified है या नहीं है और क्या यह काम legal है या illegal है । तो दोस्तों आप बिलकुल भी न घबराये क्योंकि हम आप को इस के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूँ।

Section 3 Information Technology Act, तकरीबन 2000 (जिसे 2008 में update किया गया) के तहत Digital Signature को  पूरे तरह से और कानून तौर पर legal दर्शाता है। क्या आप को मालूम है कि Section 35 में ये पूरी अच्छी तरह से बताया गया है की कोन सी Certifying Authority issue करेगी या नही करेगी “Digital Signature Certificate” यदि किसी applicant ने Digital Signature को अच्छे तरह से generate कर लिया है तब। 

तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Digital Signature legal होता है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं।

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डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट क्या है (What is Digital signature Certificate in Hindi)

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital Signature certificate क्या होते है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि डिजिटल सिग्नेचर प्रमाणपत्र यानी कि (Digital signature Certificate) को Identity Certificate या Public Key Certificate या के नाम से भी जाना जाता हैं। 

यह एक electronic “ password” होता है जो किसी व्यक्ति, company या संस्था को Public Key Infrastructure (PKI) का उपयोग कर के internet पर सुरक्षित तरीके से data लेन-देन करने की अनुमति देता हैं। क्या आप को मालूम है कि Digital Certificate का प्रयोग End-User Browser और website के बीच online data/सूचना संचार को Encrypt करने हेतु किया जाता हैं। 

इस digital signature certificate के साथ internet के जरिये कोई भी transaction या document को सुरक्षित रूप से भेज सकते है। जिस से उस की विश्वसनीयता बनती है। यह certificate ये सुनिश्चित करता है कि अगर कोई document एक बार digitally sign हो गया है तो फिर उसमें कोई बदलाव या छेड़ छाड़ नहीं किया जा सकता।

तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Digital Signature certificate होता है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature certificate से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं। 

Digital signature certificate बनवाने के लिये आवश्यक दस्तावेज

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital signature certificate बनवाने के लिये आवश्यक दस्तावेज क्या क्या होते है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि हमने सभी जरूरी दस्तावेज का नाम नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

गुस्य यदि आप को आपना digital signature certificate बनवाना है तब आप के पास आपका आधार कार्ड, Birth Certificate, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज का तकरीबन दो फ़ोटो, मोबाइल नंबर, हस्ताक्षर व business licence आदि की आवश्यकता पड़ती है तभी आप का digital signature certificate बन पाएगा साथ ही आपको Digital Signature Company को registration fee भी देना पड़ेगा। 

जिस से आप की Personal Information सुरक्षित रहें। तो दोस्तों कुछ इस यही जरूरी दस्तावेज थे जिनका जरूरत Digital Signature certificate बनाने मे किया जाता है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature certificate से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं। 

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क्या Digital Certificate का उपयोग करना safe है या नही?

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि क्या Digital Certificate का उपयोग करना safe है या नही तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि तो इस सन्दर्भ में हम ये बोल सकते हैं की जब तक आप की Private Key आप के पास सुरक्षित है, तब तक Digital signature Certificate का उपयोग करना पूरा safe है।

गाइस आप की जानकारी के लिए बता दूँ की Private Keys को अच्छी ढंग से generate किया जाता है और उसे FIPS compliant Cryptographic Token में भी store किया जाता है इस लिए इसे Temper करना बहुत मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन  सा काम है। दोसनो हम कह सकते हैं की Private Keys उस Cryptographic Token में ही बनता है, वहीँ रहता है और उसी के अन्दर ही उस की मृत्यु भी होती है उर ये कभी भी किसी भी वजह से बहार नहीं आता है।

Digital Signing के दौरान Private Keys की आवश्यकता पड़ती है उसे एक software में उपयोग करने के लिए और ऐसा कर ने के लिए एक खास PIN की भी जरुरत पड़ती है। तो आप को इस Cryptographic Token के साथ साथ उस PIN यानी कि password को भी सुरक्षित रखना पड़ता है।

इसी वजह से ये बहुत हो Safe और सुरक्षित है क्यूंकि किसी के Digital Signature को access करने के लिए आप को उस के Cryptographic Token के साथ ही साथ उस का PIN भी जानना पड़ेगा। तो दोस्तों कुछ इस यही जरूरी Digital Signature का उपयोग करना सुरक्षित है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature certificate से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं। 

Digital Certificate का इस्तेमाल कहाँ होता है।

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि क्या Digital Certificate का इस्तेमाल कहाँ कहाँ पर होता है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे की डिजिटल सर्टिफिकेट का सभी इस्तेमाल को नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

  •  इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करने में।
  • TDS रिटर्न फाइल करने के लिए।
  •  GST रिटर्न फाइल करने में।
  •  टेंडर भरने के लिए।
  •  EPF रिटर्न फाइल करने में।

यानि दोस्तों अब फिलहाल के समय में अधिक्तर सरकारी काम काजों में Digital रूप से Digital Certificate का उपयोग से किया जा रहा है। तो दोस्तों कुछ इस यही जरूरी Digital Signature का उपयोग कहा पर किया जाता है । तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature certificate से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं। 

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Digital Signature के फायदे

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि क्या Digital signature का इस्तेमाल कहाँ कहाँ पर होता है तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे की Digital Signature का मुख्य काम बहुत सारे है की किसी भी Digital दस्तावेज के साथ किसी भी किस्म का tampering (छेड़ छाड़) और imparsonation जैसे (वेष बदलने का कामों) को  पूरे तरह से रोकना।

इस के मदद से हमें एक किसी भी Digital दस्तावेज की असली सचाई के बारे में पता चलता है की ये असली है या नकली है तो हमने इसके सभी मुख्य कामो को नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

Integrity: दोस्तों क्या आप को मालुम है कि यदि एक भी single बिट में कोई फरक मालूम पड़ता है। ममगर digital signing के बाद तो इस से पूरी तरह से प्रमाण और शाबित हो जाता है की ये document यानी कि दस्तावेज और भरोसा करने योग्य है या नहीं है।

Non-repudiation: यदि किसी उपयोगकर्ता ने किसी भी दस्तावेज में अपनी digital signing करी है तो बाद में वो इस बात से मुकर नहीं सकता और किसी से जुठ नही बोल सकता है। ऐसा इस लिए है क्यूंकि किसी भी उपयोगकर्ता के public keys को उपयोग कर उस के signing को fake नहीं किया जा सकता है और उसे जूठा नही साबित कर सकता है।

Authentication: जैसे की हम जानते हैं की Digital Signature Link हुए होते हैं किसी भी उपयोगकर्ता के Private Keys के साथ और इसे केवल वही उपयोग कर सकता है इस कारण यहाँ पता चल जाता है की इस दस्तावेज का असली मालिक कोन है और दस्तावेज सुरक्षित है या नही।

तो दोस्तों यही सब Digital signature का फायदे है। तो चलिए दोस्तों अब हम अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और Digital Signature certificate से जुड़ी कुछ नए जानकारी के बारे में जानते हैं।

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Digital signature के बारे में कुछ जानकारी

दोस्तों इस टॉपिक में हमने आप को बताया है कि Digital Signature के कुछ अनोखी तथ्य तो चलिए शुरू करते है इस टॉपिक को बिना देरी किये हुवे हम आप के जानकारी के लिए बता दे कि हमने सभी जानकारी को नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

1. Digital signature एक गणितीय तकनीक है जिस का प्रयोग किसी मैसेज या electronic document की पहचान को सुनश्चित करने के लिए किया जाता है।

2. Digital signature (हस्ताक्षर) हाथ के द्वारा किये गए signature की तरह ही होता है परन्तु हाथ के द्वारा किये गए signature विश्वसनीय तथा सुरक्षित नही होते हैं जबकि Digital signature विश्वसनीय तथा सुरक्षित होते है।

3. क्या आप को मालूम है कि Digital signature यह सुनश्चित करता है कि message या document असली है  और वह message या document किस व्यक्ति ने भेजा है तो वो ब्यक्ति को किसी भी चीज़ का फिक्र नही होगा और उसका डेटा सुरक्षित भी रहेगा।

4. Digital signature public key cryptography की विधि पर आधारित है। इसमें दो keys का प्रयोग किया जाता है। message को encrypt करने वाली key को public के लिए रखा जाता है और मैसेज को decrypt करने वाली key को सिकरेट रखा जाता है।

5. Digital signature का प्रयोग ज्यादातर इ software contribution वित्तीय लेनदेन तथा online banking के लिए किया जाता है जिस से कि हमारा transaction सुरक्षित हो सकें।

6. दोस्तों मेरे हिसाब से यह बहुत बढ़िया पिक्चर है अगर इसका उपयोग हम अपने किसी भी पर्सनल चीजों के लिए करते हैं तो यह हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होगा और इस में से किसी भी तरह का डाटा लीक नहीं हो सकता है।

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[ Conclusion, निष्कर्ष ]

दोस्तो आशा करता हूं कि आप को मेरा यह लेख Digital Signature क्या हैं और Digital Signature कैसे काम करता है आप को बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख की मदद से वह सभी जानकारी को पूरे विस्तार से जान चुके होंगे जिस के लिए आप हमारे वेबसाइट पर आए थे। दोस्तों हम ने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आप को Digital Signature से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है ।

आखिर Digital Signature क्या होता है और Digital Signature कैसे काम करता है और Digital Signature कैसे बनाया जाता है और Digital Signature क्या legal है या  illegal है और डिजिटल सिग्नेचर के कितने प्रकार होता है और Digital Signature certificate क्या होता है और Digital Signature certificate का क्या काम होता है ।

और Digital Signature certificate का फायदे क्या क्या है और Digital Signature certificate का क्या महत्व है। इन्ही सभी सवालों का जवाब देने के लिए हमने इस लेख को लिखा है और आप सभी दोस्तों पर मेरा सम्पूर्ण विश्वास है कि आप मेरे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़ चुके होंगे और Digital Signature से जुड़ी सभी जानकारी को प्राप्त कर चुके होंगे।

अगर दोस्तों आप को इस पोस्ट में कहीं भी कोई भी किसी भी तरह को,पढ़ने में या किसी भी चीज में कोई भी दिक्कत हुई होगी । तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में बेझिझक कुछ भी सवाल पूछ सकते हैं।

हमारी समूह आप की मैसेज के रिप्लाई जरूर देगी और आप यह भी कमेंट में जरूर बताएं कि Digital Signature क्या हैं और Digital Signature कैसे काम करता है। पर यह  पोस्ट लगा ताकि हम आप के लिए दूसरे पोस्ट ऐसे ही लाते रहे। तो चलिए दोस्तों इसी जानकारी के साथ हम अब इस लेख को समाप्त करते हैं और अगर आपको हमरा यह पोस्ट को पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद………

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