नमस्कार दोस्तों आशा करता हूं आप बिल्कुल भी ठीक होंगे और आपका स्वागत है हमारा इस लेख में दोस्तों आज के इस लेख के मदद से हम MAC Address क्या होता है – What is MAC Address in hindi बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से प्राप्त करने वाले हैं और समझने भी वाले हैं।
गाइस आपको मालूम ही होगा कि इस बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ लगभग सब चीज धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं और सब चीज का विकास होते जा रहा है। दोस्तों उसी तरह से कंप्यूटर और वाईफाई और ढेर सारी चीजों की भी काफी बढ़ोतरी हुई है और यह पहले की अपेक्षा काफी अपडेट हो चुकी है कई सारे ऐसी कंपनियां और साइट्स और ढेर सारे नेटवर्क और अन्य चीज़ हैं जो मैक एड्रेस का इस्तेमाल और छह से बेहतर तरीके से कर रही है। मगर दोस्तों
आज भी ऐसे कई सारे लोग मौजूद हैं जो मैक एड्रेस के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं और दोस्तों कुछ लोग ऐसे हैं जो थोड़ी बहुत जानते भी हैं तो उनको मैक एड्रेस चेक करने भी नहीं आता है। दोस्तों हम लोगों ने मिलकर के इन सभी लोगों के लिए इस लेख को लिखा है। दोस्तों हमने इस लेख में मैक अड्र्स बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से इन सभी लोगों को बताने की कोशिश की है दोस्तों हमने इस लेख के अंदर मैक अड्र्स क्या है, मैक अड्र्स का इस्तेमाल क्यों किया जाता है, मैक अड्र्स को कैसे इस्तेमाल करते है,
मैक अड्र्स को अपने डिवाइस में कैसे चेक कर इन सभी चीजों को स्टेप बाय स्टेप आपको विस्तार से समझाने की कोशिश की है।दोस्तों अगर आप सच में इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया करके आप हमारे इस लेख को ध्यान से पूरा अंत तक पड़े तभी आपको हमारा यह लेख अच्छे से समझ में आएगा तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए और जानते हैं मैक अड्र्स के बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से
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MAC Address क्या होता है ?

गाइस क्या आपको पता है कि मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस यानी MAC भौतिक नेटवर्क के सभी सेगमेंट पर बेहतर तरह से संचार के लिए काफी सारे नेटवर्क को इंटरफेस को अलग अलग तरह से निर्दिष्ट एक अद्वितीय भी पहचानकर्ता है। मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस एक बेहतर तरह का बाइनरी नंबर है, जिसे कंप्यूटर की किसी भी तरह का नेटवर्क एडाप्टर युनिकली आइडेन्टीफाइ काफी आसानी से करता है।
गाइस यहाँ पर हम आपकी बेहतर तरह के जानकारी के लिए बता दे की किसी भी प्रत्येक आइडेंटिफायर का उद्देश्य आमतौर पर किसी विशेष डिवाइस जैसे PC, Laptop, Phone, और कई सारे electronic devices के लिए युनिक होना है। इन नंबरों को कभी-कभी हार्डवेयर पता या भौतिक पता भी कहा जाता है, गाइस जो भी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के दौरान नेटवर्क हार्डवेयर में किसी तरह का एम्बेडेड होते हैं, या उसमे फर्मवेयर में जो भी स्टोर होते हैं, और इन्हें उतना अच्छे से मॉडिफाइ नहीं किया जाता।
गाइस क्या आपको मालूम है कि MAC एड्रेस को भौतिक पता ओर हार्डवेयर पता भी कहेते हैं। यह उन सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक और नेटवर्किंग डिवाइस के लिए एक बेहतर और अनोखा के साथ साथ परमानेंट पता भी होता है। मैक एड्रेस किसी भी इलेक्ट्रॉनिक और नेटवर्किंग डिवाइस के हार्डवेयर का आइडेंटिफिकेशन नम्बर भी होता है। क्या आपको मालूम है कि कुछ लोग ऐतिहासिक के कई कारणों के लिए उन्हें इंटरनेट पता भी कहते हैं, लेकिन इंटरनेट, का वाई-फाई, और उसके ब्लूटूथ सहित लगभग सभी तरह के टाइप के नेटवर्क मैक अड्डड्रेसिंग का उपयोग बेहतर तरह से करते हैं।
मैक पता लगभग तीन नंबरिंग नेम स्पेस के कुछ बेहतर तरह के नियमों के काफी अनुसार बनता है, और यह इन तीन तरह के नंबरिंग नेम हमारे स्पेस के तहत ही अच्छे से काम भी करता है। इसे इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर द्वारा इसे काफी बेहतरीन तरह से मैनेज किया जाता है। गाइस आपकी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मैं बताना चाहूंगा की मैक एड्रेस को अक्सर नेटवर्क इंटरफ़ेस कंट्रोलर के मैनुफेक्चर द्वारा असाइन किया जाता है, और यह इसके बेहतर तरह से इसे डिवाइस के हार्डवेयर में स्टोर होता है, जैसे किसी कार्ड की read only memory या कुछ अन्य तरह के फ़र्मवेयर मैकेनिज्म में,
दोस्तों जब इसे अछे से मैनुफेक्चर द्वारा असाइन किया जाता है, तो ऐसी पारस्थिति में मैक एड्रेस में आमतौर पर मैनुफेक्चर का रजिस्टर्ड आइडेंटिफिकेशन नंबर को किसी तरह के खास एनकोड करता हैं और बरनेड -इन अड्र्स यानी कि (BIA) को भी रेफर किया जा सकता हैं। इसे ईथरनेट हार्डवेयर अड्र्स यानी कि (EHA), हार्डवेयर एड्रेस या किसी भैतिक एड्रेस के रूप में भी कई तरह से जाना जाता है, संक्षेप में, मैक एड्रेस किसी भी डिवाइस के पूरे जीवन काल के लिए एक अच्छा अपरिवर्तित रहता है, लेकिन ईपी एड्रेस यह बिलकुल डाक कोड की तरह ही होता है जिसे काफी आसानी से बदला जा सकता है।
गाइस आप “मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस” यानी MAC के लिए खड़ा है, और नहीं, यह एक खास ऐप्पल मैकिन्टोश कंप्यूटर या लैपटॉप या अन्य डिवाइस ईसे संबंधित नहीं है, मैक एड्रेस एक हार्डवेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है जो किसी भी नेटवर्क पर प्रत्येक डिवाइस की विशिष्ट पहचान करता है। MAC पता को प्रत्येक किसी भी नेटवर्क कार्ड में निर्मित किया जाता है, जैसे कि ईथरनेट कार्ड या वाई-फाई कार्ड, और इसलिए इसे किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता।
क्योंकि अस्तित्व में लाखों तरह के अलग अलग नेटवर्क योग्य डिवाइस हैं, और प्रत्येक ढेर सारे डिवाइस को एक अद्वितीय मैक पते की आवश्यकता है, संभावित पते की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला होनी चाहिए, इस कारण से, मैक पते छह दो अंकों के हेक्साडेसीमल नंबर से बने होते हैं, जो कॉलोन द्वारा अछे से अलग किए जाते हैं. उदाहरण के लिए, ईथरनेट कार्ड में जैसे कि 00: 0d: 83: b1: c0: 8e का मैक पता हो सकता है. सौभाग्य से, आपको इस पते को जानने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह स्वचालित रूप से आमतौर पर अधिकांश नेटवर्क द्वारा मान्यता प्राप्त है।
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मेक एड्रेस की संरचना – MAC Address Format

दोस्तों जैसे कि ऊपर के टॉपिक में हमने आपको बताया कि मेक एड्रेस क्या होता है और मेक एड्रेस का संरचना कैसे किया जाता है दोस्तों उसी तरह से अब हम इस टॉपिक में जानने वाले हैं कि मेक एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए और जानते हैं कि मेक एड्रेस का उपयोग क्यों किया जाता है।
गाइस आपको मालूम होगा कि नेटवर्क डिवाइस कई सारे अलग अलग तरह के लाखों की संख्या में बहुत सारे मौजूद होने के कारण भी मैक एड्रेस की संख्या का दायरा भी बिलकुल तरह से व्यापक हो गया है। क्योंकि आपको मालूम ही होगा कि प्रत्येक डिवाइस को यूनिक तरह कक मैक अड्र्स असाइन भी करना पड़ता है।
इस तरह के विशिष्ट और काफी मुश्किल काम को करने के लिए आईईई यानी कि ( IEEE ) के अलग अलग तरह के मानकों और अलग अलग तरह के सिफारिशों का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है। एक मैक अड्र्स में लगभग 48-bit में किसी खास 12 अंकों का विशिष्ट और यूनिक पहचान नंबर भी होता है। जिसे किसी भी 2 अंकों के समूह में लगभग 6 अंक की संख्या में ही लिखा जाता है। गाइस इस मे से प्रत्येक संख्या को लगभग 2 से 3 से अलग किया जाता है।
मैक अड्र्स की 12 अंक की संख्या में पहली छह अंक की संख्याएं उसके बेहतर तरह के मैन्युफैक्चरर की पहचान होती है, जिसे की हम ओरिजशनल यूनिक आइडेंटिफिकेशन यानी कि सरल और शार्ट भाषा मे (OUI) भी कहा जाता है। गाइस इस संख्या को हम ( IEEE ) की रेजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी कमिटी के द्वारा भी असाइन किया जाता है। तो गाइस कुछ इसी तरह से भी मेक एड्रेस की संरचना भी की जाती है।
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मैक एड्रेस का यूज़ क्यों करते हैं (MAC address Uses )
दोस्तों जैसे कि ऊपर के टॉपिक में हमने आपको बताया कि मैक एड्रेस क्या होता है और मैक एड्रेस का संरचना कैसे किया जाता है दोस्तों उसी तरह से अब हम इस टॉपिक में जानने वाले हैं कि मैक एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए और जानते हैं कि मैक एड्रेस का उपयोग क्यों किया जाता है।
गउयस इसका उपयोग हम एक काफी आसान से उदाहरण के मदद से समझ सकते हैं। गाइस आप मान लीजिये की आपके घर या आपके ऑफिस या अन्य जगह में किसी तरह का एक ही राऊटर हैं और बहुत सारे यूज़र्स उसके कनेक्टिविटी के लिए उस राऊटर का उपयोग करना चाहते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि यहाँ सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि इन्टरनेट प्रोवाइडर यानि की ISP इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर किसी तरह का एक राऊटर पर एक ही आप किसी का भी आईपी अड्र्स दे सकता हैं या कनेक्ट कर सकते है।
गाइस आप इस हिसाब से लगभग सभी को एक लाइन से बारी बारी से एक के बाद एक करके कुछ इस तरह से इन्टरनेट का इस्तेमाल करना पड़ेगा यदि दोस्तों आप एक ही समय में आप एक से ज्यादा यूज़र्स को आपके नेटवर्क से जुड़ जाए तो क्या गाइस एक का डाटा दुसरे को बिलकुल साफ साफ दिखने लग जायेगा।
दोस्तों क्या आपको मालूम है कि बिलकुल इसी तरह के दिक्कत को अच्छे से दूर करने के लिए मैक अड्र्स को बनाया गया हैं। दोस्तों अगर आप चाहे तो इसकी मदद से आप अपेन राऊटर का यह भी पता लगा सकता हैं कौन से यूज़र्स को कौन सा तरह का डाटा कब और कैसे दिखाना हैं। जब भी आपका फ़ोन राऊटर से अच्छे से कनेक्ट होता है तब वो अपना मैक एड्रेस राऊटर को काफी आसानी से शेयर करता है जिसके मदद से आपका राऊटर को समझ में आता है की किस किस के फ़ोन कनेक्टेड है और वो क्या रिक्वेस्ट कर रहे है।
मैक एड्रेस का इसके अलावा सबसे बड़ा और बेहतरीन फायदा यह भी है कि इसके आधार पर हम किसी भी डिवाइस जैसे PC, Laptop, या अन्य तरह के चीज़ों को आप काफी आसानी से ब्लाक कर सकते हैं।
गाइस आप मान लीजिये आपका कोई दोस्त जो अब आपका किसी भी कारण के वाजे से दुश्मन बन चूका है और गाइस उसको आपको अपने इन्टरनेट बिलकुल भी उपयोग नही करने देना हैं तो गाइस आप इस परिस्थिति में अपनव राऊटर के पासवर्ड को बदलने के बजाये आप उस राऊटर का मैक एड्रेस काफी आसानी से ब्लाक कर सकते हैं। जिसके बाद गाइस पासवर्ड पता होने के बावजूद भी वह आपके इन्टरनेट को कभी भी उपयोग नहीं कर पायेगा।
दोस्तों आपको शायद ही मालूम होगा कि कई सारे बड़ी बड़ी वेबसाइट भी किसी अननोन यूज़र्स को काफी आसानी से ब्लॉक करने के लिए मैक अड्र्स का ही उपयोग करती हैं।
जिसके बाद आप उस किसी भी वेबसाइट पर कितने ही अलग अलग फेक अकाउंट बना ले गाइस वो सभी के सभी काफी आसानी से ब्लाक हो जायेगे। इसके बचने का सबसे बेहतर और आसान उपाए यह हैं कि आप अपना मैक एड्रेस को बदल ले दोस्तों कुछ इसी तरह के कारणों के वाजे से मैक अड्र्स का इस्तेमाल किया जाता है।
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कुछ लोकप्रिय OUI का नाम और उनका पहचान
- FC:F1:36 – SAMSUNG
- CC:46:D6 – CISCO
- 00:9A:CD – HUAWEI TECHNOLOGY
- 00:14:22 – DELL
- FC:FC:48 – APPLE INC.
- 3C:D9:2B – HP (HEWLET PACKARD)
- BC:83:85 – MICROSOFT INC.
- FC:F8:AE – INTEL
- FC:CF:62 – IBM
- 3C:5A:B4 – GOOGLE INC.
गाइस इस मे के बाकि के छह नंबर नेटवर्क इंटरफेस कार्ड का बेहतर तरह का प्रतिनिधित्व करते है। इन नंबर को काफी बेहतर ढंग से मैन्युफैक्चरर अपनी खुद की सुविधानुसार अछे से आवंटित करते है। ताकि ये अपने किसी भी डिवाईस को अच्छे से और आसानी से पहचान सके। गाइस हमने इस टॉपिक में आपके लिए कुछ लोकप्रिय OUI का नाम और उनका पहचान बताया है यह आपको जरूर पसंद आया होगा ।
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Use Of MAC Address In Hindi

गाइस MAC Address का इस्तेमाल कहा पर किया जाता है आपके मन मे यह सवाल जरूर आया होगा तो आइये जानते है, इसी के बारे में गाइस जैसा की हमने आपको ऊपर भी इसीसे जुड़ी जानकारी को आपको बताया है। MAC Address किसी भी इलेक्ट्रॉनिक और नेटवर्किंग डिवाइस के हार्डवेयर का इंडेन्टिफिकेशन नंबर ही होता है। गाइस जिसको हम भौतिक एड्रेस और हम इसे सरल भाषा मे हार्डवेयर एड्रेस भी कहेते हैं, तो चलिए गाइस देखते है की मैक एड्रेस के कुछ कॉमन तरह के उपयोग क्या क्या हैं –
दोस्तों आपको शायद ही मालूम होगा कि मैक एड्रेस का उपयोग किसी भी डिवाइस में ट्रेकिंग के लिए भी किया जाता है।
गाइस क्या आपको मालूम है कि किसी भी डिवाइस इंडेन्टिफिकेशन में भी मैक अड्र्स का इस्तेमाल भी किया जाता है।
MAC Address का Static IP Assignment
दोस्तों आपको अपने किसी भी Router में मैक अड्र्स के फिल्टरिंग का उपयोग काफी बेहतर तरह से उपयोग करके किसी भी तरह के विशेष उपकरण को ब्लॉक कर सकते हो, जिससे वो आपके पासवर्ड को जानते हुवे भी वो आपके राऊटर से अपना डिवाइस कनेक्ट नही कर पायेगा ।
गाइस क्या आपको मालूम है कि मैक अड्र्स की मदद से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक और अलग अलग तरह के नेटवर्किंग डिवाइस एक दूसरे से कनेक्ट भी होते है और एक दुसरे से काफी आसानी से कम्यूनिकेट भी करते है।
दोस्तों किसी भी मीडिया एक्सेस कंट्रोल यानी कि (MAC) के किसी भी तरह के तकनीक इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी कि (IP) नेटवर्क पर किसी भी कंप्यूटर के लिए बेहतर और विशिष्ट पहचान और उसका एक्सेस कंट्रोल ओ काफी आसानी से प्रदान करती है।
गाइस वायरलेस नेटवर्किंग में, MAC यानी कि मीडिया एक्सेस कंट्रोल वायरलेस नेटवर्क एडेप्टर पर किसी भी रेडियो कंट्रोल प्रोटोकॉल है। मीडिया एक्सेस कंट्रोल ओसई ( OSI ) मॉडल के सभी यरह के डेटा लिंक के लेयर को (लेयर 2) के निचले सब लेयर पर काफी आसानी से काम करता है।
गाइस क्या आपको मालूम है कि मीडिया एक्सेस कंट्रोल यानी कि MAC को अक्सर ओसई ( OSI ) डेटा के लिंक की लेयर की उप-परत भी कहा जाता है। प्रत्येक network इंटरफेस एडेप्टर कार्ड पर कंप्यूटर चिप्स का एक सेट होता है जो physical media पर काफी बेहतर तरह का संचार सिग्नल (बिजली, या उसमे के किसी प्रकाश या रेडियो आवृत्तियों) को सम्पूर्ण तरह से नियंत्रित करके physical media (तांबे के अच्छे तार, और उसके साथ किसी फाइबर ऑप्टिक केबल या हवा) के साथ काफी बेहतर तरह का संचार को भी संभालता है।
सादे अंग्रेजी में, एक तांबे के ही तार पर अच्छे तरह से संचारित और प्राप्त भी होने वाली बिजली को नियंत्रित करने वाले कंप्यूटर चिप्स यानी कि मैक से भी संबंधित हार्डवेयर हैं।
मैक सब लेयर के किसी भी संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले physical medium तक पहुंचने का एक बेहतरीन तरह का साधन प्रदान करता है। मैक उप लेयर उपर्युक्त के उप-परत के साथ ही साथ logical link control यानी कि (LLC) के साथ भी यह बेहतर तरह से संचार करता है, जिससे वह उसकी ऊपरी परत network protocol जैसे आईपी तक काफी आसानी से पहुंच और बोल सकता है।
मीडिया एक्सेस कंट्रोल यानी कि (MAC) और logical link control यानी कि (LLC) ओएससीए के बेहतर तरह के संदर्भ मॉडल में डेटा लिंक लेयर यनि की (लेयर 2) के सब लेयर हैं, गाइस क्या आपको पता है कि ‘MAC’ को MAC के ही लेयर भी कहा जाता है। यह एक बेहतर तरह का साझा चैनल पर काफी अन्य तरह के नोड्स के साथ काफी आसानी से संचार करने के लिए network नोड्स के लिए उसके ही अद्वितीय पते की पहचान और उसके चैनल अभिगम बेहतर तरह से नियंत्रण तंत्र को प्रदान करने के लिए मैक प्रोटोकॉल का भी लोग उपयोग करता है।
मैक उस प्रक्रिया का वर्णन करता है जो भी अन्य तरह के डिवाइस को बाटता है और नेटवर्क तक पहुंचने के लगभग सभी आधार पर भी थोड़ी बहुत नियंत्रित करने के लिए भी नियोजित किया जाता है। दोस्तों समय की उचित अवधि के भीतर network तक पहुंचने के लिए सभी डिवाइस की सभी तरह के क्षमता को काफी आसानी से सुनिश्चित करने के लिए कुछ बेहतर तरह से स्तर के नियंत्रण की आवश्यकता भी होती है। जिसके काफी बेहतर तरह के परिणामस्वरूप स्वीकार्य पहुंच और प्रतिक्रिया समय भी होता है।
गाइस क्या आपको पता है कि यह भी महत्वपूर्ण है कि डेटा टकराव का कई तरह से पता लगाने या उससे आसानी से बचने के लिए कुछ बेहतर विधि भी मौजूद है। जो एक साथ ही आपके डेटा को साझा माध्यम पर कई सारे अलग अलग तरह के प्रसारणों के कारण भी होती हैं। media access control को एक केंद्रीकृत या विकेन्द्रीकृत आधार पर बेहतर तरह से पूरा किया जा सकता है, और प्रकृति में या तो काफी अच्छे से निर्धारक या गैर-नियतात्मक के रूप में विशेषता हो सकती है।
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नेटवर्क डिवाईस का मैक एड्रेस का कैसे पता लगाए – How to Check MAC Address Online?
दोस्तों जैसे कि हमने ऊपर के टॉपिक में mac-address से जुड़ी सभी जानकारियों को काफी विस्तार से समझा और जाना तो दोस्तों आपके मन में यह सवाल जरूर पैदा हुआ होगा कि आखिर हम मैक ऐड्रेस को अपने डिवाइस के अंदर कैसे देखे तो दोस्तों आप हमारे इस टॉपिक के साथ बने रहिए हमें इस टॉपिक में इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं इस टॉपिक को और देखते हैं कि हम अपने डिवाइस में मैक ऐड्रेस को कैसे देखें इसके लिए आप हमारे नीचे दिए गए सभी तरीकों को काफी ध्यान से पढ़े तभी आप समझ पाएंगे
Windows PC में MAC Address देखने का तरीका
दोस्तों हमने आपके लिए Windows PC में MAC Address देखने का तरीका को काफी विस्तार से बताया है आप इसे ध्यान से पढ़े।
Step 1. गाइस सबसे पहले आपको स्टार्ट बटन पर क्लिक करना है या आप चाहे तो आप अपने की-बोर्ड से विंडोज की को थोड़ा देर दबा कर रखना है । गाइस यदि आप आपने टास्कबार पर सर्च बॉक्स को अगर जोड रखा है तब आप इस स्टेप को नही भी कर सकते है।
Step 2. दोस्तों जैसे कि हमने आपको बताया वैसे करने के बाद अब आपको विंडॉज के सर्च बॉक्स में जा कर के “cmd” इस को टाईप करना है और उसके बाद में आपको एंटर दबाना है। या अगर आप चाहे तो आप उसके Start और उसके बाद > All Programs और उसके बाद > Accessories और दोस्तों उसके बाद > Command Prompt को अच्छे से फॉलो करके भी Windows कमांड Prompt को खोल कर सकते है।
Step 3. दोस्तों हमारे बताये गए सभी चीज़ों को करने के बाद अब आपको ऐसा करने पर आपके सामने विंडोज कमांड Prompt ओपन हो जाऐगा। अब जहाँ भी आपके स्क्रीन पर करसर टिमटिमा रहा है। अब आपको वहाँ पर हमारे बताये गए इस “ipconfig/all” चीज़ को ध्यान से टाईप करना है और फिर अपने कीबोर्ड में एंटर दबाना है । इसे लिखते समय स्पेलिंग एरर से आपको बचना है और ध्यान से इसे करना है।
Step 4. दोस्तों अब आपके कम्प्युटर से कनेक्टेड लगभग सभी तरह के नेटवर्क डिवाईसों के mac address आपके सामने आपके स्क्रीन के ऊपर खुल जाएंगे। आप एक-एक करके अपने मन के हिसब से इन्हे देख सकते है। यह एड्रेस भौतिक एड्रेस के रूप में भी दिखाई देगा।
गाइस हमने इस टॉपिक में आपको जितना भी स्टेप और तरीका बताया वह सब आपके विंडोज और पीसी में mac-address को देखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं अब हम अगले टॉपिक में जानेंगे कि आप अपने एंड्राइड में मैक एड्रेस कैसे देख सकते हैं या चेक कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं उस अगले टॉपिक को
Android Device का MAC Address Check करना

दोस्त यदि आप अपने स्मार्टफोन या एंड्रॉयड का MAC address को जानना चाहते है तो इस प्रक्रिया को ध्यान से पढ़ कर अपनाएं। यदि नीचे बताए तरीके से आप अपना मैक अड्र्स नहीं खोज पाते है तब आप अपने डेविस मन्नुअल या फिर किसी भी मैन्युफैक्चर वेबसाइट पर जाकर इसके बारे में अच्छे से जानकारी को पता कर वैसे आपको इसकी जरूरत बिलकुल भी नहीं ही पड़ेगी। आप इस तरीके को ध्यान से पढ़ कर आजामाएं.
Step 1. गाइस जिस किसी भी मोबाइल में आओ मैक अड्र्स को चेक करना चाहते है उस मोबाईल की सेटिंग पर टैप करना है ।
Step 2. तब आपको General का एक ऑप्शन दिखाई देगा उस मे में जाकर के अबाउट पर टैप करना है । गाइस यदि आपके पास एंड्रॉयड का लोवर वर्जन है तब आप शायद आप अपने मोबाइल के Settings में जाने के बाद > About Device के माध्यम से भी यहाँ आप पहुँच सकते है।
Step 3. इसके बाद वह आपको Status का ऑप्शन दिखाई देगा उसी पर अब आपको टैप करना है । ऐसा करते ही आपके सामने आपके स्क्रीन के उर एंड्रॉइड का स्टेटस खुल जाएगा।
Step 4. गाइस हमारे बताये गए सभी तरीके को करने के बाद यहाँ पर आपको Wi-Fi पता या फिर WLAN पता भी आपको दिखाई देगा। यही आपके अपने स्मार्टफोन का मैक अड्र्स है। यहाँ पर अपने डिवाइस की अन्य सभी तरह के जानकारी भी चैक कर सकते है।
दोस्तों आशा करता हूं कि आप हमारे इस तरीके को आजमा कर के अपने स्मार्टफोन में मेक एड्रेस को चेक जरूर करेंगे।
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[ Conclusion,निष्कर्ष ]
दोस्तों आशा करता हूं कि आपको मेरा यह लेख MAC Address क्या होता है – What is MAC Address in hindi आपको बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से वह सभी चीजों के बारे में पूरे विस्तार से जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे जिसके लिए आप हमारे वेबसाइट पर आए थे। दोस्तों हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको मैक अड्र्स बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से समझाने की कोशिश की है
क्योंकि दोस्तों हमें मालूम है कि ढेर सारे लोग हैं जो मैक अड्र्स बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं और कुछ लोग जानते हैं तो मैक अड्र्स के इस्तेमाल उन्हें करने नहीं आता है और मैक अड्र्स बारे में उन्हें मालूम भी नहीं होता है तो इसलिए हमने इस लेख को लिखा था। दोस्तों आप पर मेरा संपूर्ण विश्वास है कि आप भी मेरे इस लेख को ध्यान से पूरा अंत तक पढ़ चुके होंगे और मैक अड्र्स बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे और मैक अड्र्स इस्तेमाल भी आपका करना जान चुके होंगे और यह भी जान चुके होंगे कि मैक अड्र्स इस्तेमाल कहां किया जाता है।
अगर दोस्तों आपको इस पोस्ट में कहीं भी कोई भी किसी भी तरह को,पढ़ने में या किसी भी चीज में कोई भी दिक्कत हुई होगी तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में बेझिझक कुछ भी सवाल पूछ सकते हैं। हमारी समूह आपकी मैसेज के रिप्लाई जरूर देगी और आप यह भी कमेंट में जरूर बताएं कि यह पोस्ट MAC Address क्या होता है – What is MAC Address in hindi के बारे में जानकारी आपको कैसा लगा ताकि हम आपके लिए दूसरे पोस्ट ऐसे ही लाते रहे।
तो चलिए दोस्तों इसी जानकारी के साथ हम अब इस लेख को समाप्त करते हैं और अगर आपको हमरा यह पोस्ट को पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद………
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