नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूं आप बिल्कुल ठीक होंगे आपका हार्दिक स्वागत है हमारे इस लेख में आज के इस लेख के मदद से हम Network क्या है और Network कैसे काम करता है के बारे में संपूर्ण जानकारी पूरे विस्तार से प्राप्त करने वाले हैं और इसके बारे में जानने भी वाले हैं।
आज से कई साल पहले जब लोग किसी अपने के पास कोई संदेश या मैसेज भेजते थे तो उन का एक ही मकसद होता था ये मैसेज शेयर करना मतलब एक स्थान से दूसरी स्थान पर किसि भी मैसेज को भेजना लेकिन उस दौर में यह इतना बिलकुल भी आसान नहीं था।
एक मैसेज को एक जगह से दूसरी स्थान तक पहुचने में कई कई दिन लग जाते थे इस में लोगों को बहुत सारे समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उस वक्त भी ज्यादा लगता था और दूर-दूर तक इस पहुंचाने में थकावट जैसे कई तरह के परेशानी भी होती थी, कभी-कभी उन के तक के जानकारी भी नहीं पहुंच पाते थे और वह सोचते थे कि आखिर उन्होंने उनके लिए क्या मैसेज बेजा है।
लेकिन आज उसी चीज को हम काफी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर भेज सकते हैं और तो हम एक दूसरे से बात भी कर सकते हैं।
मगर कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो जानना चाहते हैं कि आखिर यह किस तरह से संभव हुआ है और नेटवर्क क्या है और नेटवर्क के प्रकार कितने हैं और नेटवर्क किन-किन चीजों से बनता है इस तरह के सवालों का जवाब देने के लिए हमने इस लेख को स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है।
और आपको नेटवर्क से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपको सच में नेटवर्क से जुड़ी सभी जानकारी को प्राप्त करना है तो आप से मेरा यह अनुरोध है कि आप मेरे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़े तभी आप को मेरा यह लेख अच्छे से समझ में आएगा तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को
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नेटवर्क क्या है – What is Network in Hindi

दोस्तों अगर आपके मन में यह ख्याल है कि आखिर नेटवर्क क्या होता है तो आप हमारे इस टॉपिक के साथ अंत तक बने रहे क्योंकि हमने इस टॉपिक में इसी पर विचार विमर्श कर के इसी को समझाया है तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि
दो या दो से अधिक computer एक साथ जुड़ने को network कहा जाता है।
आप उनके वायर या फिर वायरलेस में जोड़ सकते है data share करने के लिए। दोस्तों अगर हम तारो की माध्यम की बात करे तो वो Coaxial cable और Fiber Optics Cable, twisted pair, cable इत्यदि में से कुछ भी हो सकता है। अगर Wireless माध्यम की बात करें तो वो जैसे कि Radio Wave, Infrared, Satellite, Bluetooth, earbuds, इत्यादि में से एक होगा।
क्या आपको मालूम है कि एक नेटवर्क बोहत सारे Computers, Mainframe, servers, Network Devices का पूरा कलेक्शन होता है। जिस मे आम तोर पे डेटा शेयर का काम होता है। एक नेटवर्क का सबसे उत्क्रुस्त और बेहतर उदहारण है इंटरनेट. जहाँ लाखों करोणों लोग आपस में किसी न किसी तरह से जुड़े रहते हैं और डेटा शेयर करते हैं।
बहुत सारे Networking Devices जैसे की Switch, Router, Hub, Modem ये सब लगभग एक Network में उपयोग होते हैं। दोस्तों मैंने आपको उपर में जो भी समझाया हूँ। आमतौर पर उस को ही network कहते है।
आपको शायद ही मालूम होगा कि नेटवर्क में जुड़े हुए हर एक कंप्यूटर को नोड बोलते हैं। आम तोर पे ये डेटा साझा करने के साथ साथ Resource Sharing काम कर सकते है जैसे की Internet, File Servers, Printer, को हम साझा कर सकते हैं। दोस्तों अब आपके मन मे ये सवाल होगा कि आखिर Resource sharing का मतलब क्या है,
तो हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि जब आप किसी काम से Cyber cafe और Net cafe जाते हो तब आप देखे होंगे वहां पे बोहत सारे कंप्यूटर्स आपस में एक साथ Connected रहते है। जिस कों हम नेटवर्क भी बोल सकते है।
लेकिन क्या आप जानते है कि उस cafe में एक या दो प्रिंटर रहते हैं। जब भी आप कोई भी कंप्यूटर्स से तो प्रिंट करते हो तो एक ही प्रिंटर से print निकलता है। तो यहाँ पे Network की मदद से हम एक Resource मतलब एक printer को साझा कर रहे हैं। इसी को हम आमतौर पर Resource Sharing बोलते है।
दोस्तों क्या आप को मालूम है कि दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है इंटरनेट होता है जिस मे हम हर रोज कुछ न कुछ साझा किया जाता हैं। जैसे whats app में Image, song, Video, Contact, इत्यादि ये सब मुंकिन हुआ है एक network की सहायता से वैसे जब हम अपने phone को उपयोग करते हैं तब हर कोई बोलता है network नहीं अरहा है।
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तो दोस्तों इस का मतलब है हम दुसरे मोबाइल के साथ और टावर के साथ कनेक्ट नहीं है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से नेटवर्क होता है और नेटवर्क लगभग आज के युग में सभी लोग उपयोग करते हैं।
और इसका फायदा भी उठाते हैं और यह हमारे लिए काफी ज्यादा फायदेमंद भी साबित होता है तो चलिए अपने टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और नेटवर्क से जुड़े कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Network की परिभाषा

दोस्तों इस टॉपिक के मदद से हम नेटवर्क के परिभाषा के बारे में जानने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन कुछ Criteria से हम ये बता सकते network की Network उत्क्रुस्त क्या है या नहीं है Performance, Security, Reliability हर एक के बारे में विस्तार से जानते है।
1. Performance
दोस्तों आप लोगों ने Performance का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आपको मालूम है कि यह इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए performance को हम बोहत से तरीको से Measure कर सकते है।
क्या आपको मालूम है कि उन में से खास है Response Time और दूसरा है Transmit Time। जितने वक्त में एक मैसेज एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस तक पहुच ने में लगता है उसी को आमतौर पर ट्रांसमिट टाइम बोलते हैं। एक रिक्वेस्ट का जवाब देने में जितना समय लगता है उस्से ही खास तौर पर Response Time बोलते हैं। जैसे आप कुछ Google में कुछ भी सर्च किये और उसका रिजल्ट आने में जो समय लगता है वही Response Time होता है।
Performance कुछ और factor पे भी निर्भर करता है। जैसे कि उसके उपयोगकर्ता कितने है, Transmission का माध्यम कोनसा है, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कोनसा ह इत्यादि जैसे बहुत सारे चीज़े मौजूद है । दोस्तों क्या आपको मालूम है कि Performance का पता लगाने के लिए तकरीबन दो Networking Metrics का इस्तेमाल होता है जिस में सर पहला है Throughput और दूसरा है Delay।
हमें आमतौर पे ज्यादा throughput और कम Delay चाहिए. यही दोनों इस मे बहुत ज्यादा मायिने रखता है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही performance होता है तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
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2. Reliability
दोस्तों आप लोगों ने Reliability का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए इस का मतलब है बहरोसेमंद होना। जब तक एक network किसी के भरोसे लायक नहीं होगा वो कभी भी एक अच्छा network नहीं हो सकता।
क्या आपको मालूम है कि reliability का मतलब क्या है अगर आपका जवाब ना है तो हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि इसका मतलब Accuracy of Delivery होता है। data जब तक जिस डिवाइस पे भेज रहे हो उस पे अगर बिना link failure के पोहंच जाता है तो वो बिलकुल भरोसेमंद है।
मगर Link Failure होने के बाद वापस से रिकवर होने में जितना वक्त लगता है आमतौर पर वही Reliability है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Reliability होता है तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
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3. Security
दोस्तों आप लोगों ने Security का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए security होने से ही डेटा को हम protect यानी कि सुरक्षा कर सकते हैं।
(उनौथोरिजेड एक्सेस) Unauthorized Access से किसी भी तरह का डेटा को damage या खराब होने से बचना और DATA lost से बचाने के लिए के तरह से Policies को implement करना लगभग यही SECURITY का काम है।
अगर डेटा नेटवर्क से चोरी हो जाये तो उसे हमारा डेटा तनिक भी सिक्योर नहीं है यही बोलेंगे। Network सुरक्षा होना बोहत ही जरुरी है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Security होता है तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
नेटवर्क का इतिहास (History Of Network in Hindi)

दोस्तों इस टॉपिक के मदद से हम नेटवर्क के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं क्योंकि नेटवर्क तो कोई शाल पहले ही शुरू हो चुका था तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि
अब हम जिस network की बात कर रहे हैं, इस की सुरुवात तो कई वर्ष पहले तकरीबन वर्ष 1960 से वर्ष 1970 में ही हो गई थी।
क्या आपको मालूम है कि उस समय Network का नाम है ARPANET जिस को हम बोलते हैं आमतौर पर (Advance Research Project Agency Network)। दोस्तों क्या आपको मालूम है कि सुरुवात में network शुरू का मकसद था remote job entry station और terminals को mainframe के साथ अच्छे तरह से जोड़ना मगर क्या आपको मालूम है कि ARPANET में उस वक्त Resource sharing का कॉन्सेप्ट डालने का एक मौलिक ही उपादान था।
हम आपको एक बात और बता दे कि ARPANET उस दौर में काफी भरोसेमंद था क्यूंकि ये उस समय पर पैकेट स्विटचिंग तकनीक का उपयोग करता था बजाये सर्किट स्विटचिंग के मगर ARPANET को America के Defense विभाग में भी उपयोग होने लगा जिस्से गुपनिया ख़त और तरह तरह के चीज़ों को भेजा जाता था।
इस को United State के अलग अलग University को जोड़ने में कई सारे उद्योगपति भी इस का उपयोग करने लगे फिर जा कर के धीरे धीरे इसे और डेवलोपमेन्ट करते गए और ये आज दुनिया का सबसे बड़ा Network भी बन चूका है जिस को हम इंटरने
ट बोलते हैं। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही नेटवर्क का इतिहास रहा है और वह धीरे-धीरे अब इतना डेवलपमेंट हो चुका है कि लगभग सभी व्यक्ति उसका उपयोग आज के युग में करते हैं। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
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Network के प्रकार
दोस्तों इस टॉपिक के मदद से हम जानने वाले हैं कि आखिर नेटवर्क के कितने प्रकार होते हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेटवर्क के कई प्रकार होते हैं।
वैसे तो अगर हम उन के पूरे प्रकारों के बारे में बात करेंगे तो यह आर्टिकल काफी लंबा हो जाएगा इसलिए हमने आपको नीचे में कुछ प्रमुख प्रकार के बारे में स्टेप बाय स्टेप करके बताया है तो चलिए उन्हें देख लेते हैं
Local Area Network-LAN (लोकल एरिया नेटवर्क)

दोस्तों अगर हम Network के पहले प्रकार के बारे में बात करे तो सबसे पहला नाम लोकल एरिया नेटवर्क का आता है। क्योंकि यही पहला Network का प्रकार है हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक computer network है, जिस के अन्दर छोटे भौगोलिक क्षेत्र आते है जैसे की – ऑफिस, घर, घरों का एक छोटा समूह या हवाई अड्डा और अपार्टमेंट इत्यादि कई सारे भी computer network है ।
वर्तमान LAN Ethernet तकनीकी पर आधारित है । इस network का आकर छोटा, लेकिन डेटा संचारण की गति काफी तेज़ होती है । तो दोस्तों कुछ इसी तरह से लोकल एरिया नेटवर्क होता है तो चलिए नीचे में जानते हैं नेटवर्क के और नए प्रकार के बारे में
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Wide Area Network-WAN (वाइड एरिया नेटवर्क)

दोस्तों अगर हम Network के दूसरे प्रकार के बारे में बात करे तो सबसे पहला नाम वाइड एरिया नेटवर्क का आता है। क्योंकि यही दूसरा Network का प्रकार है हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस network में computer आपस में लीज्ड लाइन या switch circuit के द्वारा एक साथ जुड़े रहते हैं ।
यह network आमतौर पर भौगोलिक जैसे कि क्षेत्र देश, महादेश में फैला network का जाल है ।
मेरे हिसब से इस का सबसे अच्छा उदाहरण Ethernet है । भारत में CMC द्वारा विकसित इंडोनेट वैन का उदाहरण है । बैंकों द्वारा प्रदत्त ATM सुविधा wide area network का उदाहरण है । तो दोस्तों कुछ इसी तरह से वाइड एरिया नेटवर्क होता है तो चलिए नीचे में जानते हैं नेटवर्क के और नए प्रकार के बारे में
Metropolitan Area Network-MAN (मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क)
दोस्तों अगर हम Network के सबसे लस्टवे प्रकार के बारे में बात करे तो सबसे पहला नाम मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क का आता है। क्योंकि यही सबसे अंत वाला Network का प्रकार है हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि
MAN दो या दो से अधिक Local area network को आपस जोड़ता है । यह शहर की सीमाओं के भीतर स्थित computer का network है । routers, switch और hubs मिलकर एक MAN का निर्माण करते हैं ।
तो दोस्तों कुछ इसी तरह से नेटवर्क का प्रकार होता है तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते हैं और नेटवर्क से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Network में उपयोग होने वाली कुछ डिवाइस
दोस्तों इस टॉपिक के मदद से हम कुछ ऐसी डिवाइसों के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं जिनका उपयोग नेटवर्क के क्षेत्र में किया जाता है तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आगर एक network है, तो उस मे बहुत सारे डिवाइस आपस में Connected रहते हैं, डेटा भि आना जाना लगा रहता है, अलग अलग कंप्यूटर से होते हुए डेटा गुजर ता है।
दो network आपस में कनेक्ट करने के लिए और कंप्यूटर्स को लैन से जोड़ने के लिए। इन सबके लिए हमें कुछ नेटवर्क डिवाइस चाहिए जैसे HUB, Repeater, Modem, Bridge, Switch, Router, इनके बारे में बिस्तर से जानते है।
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HUB (हब)
दोस्तों आप लोगों ने HUB का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि यह एक Basic नेटवर्किंग डिवाइस है। ये डिवाइस फिजिकल लेयर में काम करती है। इस कारण से ये आपस में networking Devices को फिजिकल तरह से जोड़ता है।
हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि यह आमतौर पे जिस नेटवर्क में Twisted pair cable का उपयोग होता है वहीँ ये डिवाइस में उपयोग की जाती है। बिना किसी बदलाव के ये एक पॉकेट को दुसरे डिवाइस तक फॉरवर्ड करने का काम करती है। “data packet” डेटा पैकेट डिवाइस के लिए है या नहीं बिना परवह किये ये सारे डिवाइस को तरंडमिट करती है।
क्या आपको मालूम है कि hub लगभग दो प्रकार के होते है जिसमे से पहले का नाम है Active HUB और दूसरे का नाम है Passive HUB। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही HUB होता है और यह इसी तरह से नेटवर्क से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Switch (स्विच)
दोस्तों आप लोगों ने Switch का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि ये डिवाइस भी HUB जैसे Physical Layer की तरह ही काम करती है।
ये DEVICE HUB से ज्यादा इंटेलिजेंट और काफी अछे तरह से कम करता है। जैसे कि हमने आपको ऊपर के टॉपिक में बताया कि HUB बस डेटा पॉकेट को एक जगह से दूसरे जगह से दूसरे जगह पर forward करता है लेकिन क्या आप को मालूम है Switch Forwarding के साथ ही साथ यह Filter भी करता है। इस लिए इस को Intelligent बोला ज्याता है।
जब यह स्विच डेटा पॉकेट (Switch DATA Packet) को Receive करता है। तब वो उस के फ़िल्टर कर के Address का पता लगता है। और उस डिवाइस को पॉकेट फारवर्ड करती है। इस लिए Switch CAM यानी कि (Content Addressable Memory) टेबल को अच्छे तरह से बनाये रखती है।
जिस मे डिवाइस का Address रहता है। CAM को फॉरवार्डिंग टेबल भी बोला ज्याता है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Switch होता है और यह इसी तरह से network से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Modem (मॉडेम)
दोस्तों आप लोगों ने Switch का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि यह हर कोई उपयोग करता है आज कल की इंटरनेट दुनिया में जब भी घर में इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तभी डेटा बहार की दुनिया से हमारे कंप्यूटर तक पोहंचता है।
लेकिन हमारा कंप्यूटर डिजिटल डेटा को ही समझता है जैसे की Binary 1 और 0. और केबल्स में डेटा Analog signal के form में जाता है। Demodulator और Modulator से ही बना है, MODE
M। हम लोग आप को एक उदहारण के माध्यम से समझाने की कोसिसि करते है , आप के कंप्यूटर में जो भी DATA है वो पूरे तरह से डिजिटल फर्म में है। इस डेटा को हमें दुसरे कंप्यूटर में भेजना है एक केबल के जरिये. इस के लिए हमें डिजिटल डेटा को एनालॉग में कन्वर्ट करना पड़ेगा।
क्या आपको मालूम है कि ये काम Modulator करता है। जब ये analog DATA cable से कंप्यूटर में जाता है तो उसे फिर इस एनालॉग DATA को डिजिटल में कन्वर्ट होना पड़ता है।
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यह इस काम को करता है Demodulator. telephone लाइन में ये उपयोग होता है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Modem होता है और यह इसी तरह से network से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Router (राऊटर)
दोस्तों आप लोगों ने Switch का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि इस के नाम से ही आप को ये पता चल गया होगा की रूट (Route) से पूरे तरह से संभधि है।
क्या आप को मालूम है कि यह तकरीबन दो नेटवर्क के बिच में Traffic और route को नियंत्रित करना ही इस डिवाइस का काम है ये दो network को आपस में किसी भी तरह जैसे कि Wire और Wireless माध्यम से जोड़ता है। OSI Model के नेटवर्क लेयर में ये डिवाइस काम करता है।
आजकल वायरलेस राऊटर (Wireless Router) का ज्यादा उपयोग होता है। traffic Police, और फैक्ट्रियों में जैसे काम करता है वैसे ही ये डेटा का direction निर्धारित करता है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Router होता है और यह इसी तरह से network से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
Bridge (ब्रिज)
दोस्तों आप लोगों ने Bridge का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि जैसे की राऊटर को लगभग दो अलग अलग नेटवर्क को कनेक्ट करता है ।
बिलकुल वैसे ही (ब्रिज) Bridge के भी लगभग दो अलग अलग Sub network को कनेक्ट करता है। जो की एक ही नेटवर्क के होते हैं (आप को समझाने के लिए एक उदहारण ले लेते हैं = आप दो कंप्यूटर लैब को और दो Floors को Bridge के जरिये ही कनेक्ट कर सकते हैं।
तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Bridge होता है और यह इसी तरह से network से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
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Repeater (रिपीटर)
दोस्तों आप लोगों ने Repeater का नाम तो जरूर सुना होगा मगर क्या आप को मालूम है कि यह internet से जुड़ा हुआ है। हम आप की जानकारी के लिए बता दें कि इस टॉपिक में हम इसी पर विचार विमर्श करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुवे क्या आपको मालुम है कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। जो की किसी सिंगल स्ट्रेंग्थ को बढ़ाने में सहायता करता है।
इस को ये भी बोल सकते हो, ये एक एसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो सिंगल को रिसीव करता है और उसे Re transmit करता है। क्या आप को मालूम यही की Repeater सिग्नल Lost होने से बचाता है। इस की कारण से डेटा बिना लॉस्ट हुए दूर दूर तक पोहंचता है।
अगर एक कॉलेज में Hostel, College से काफी दूर है। कॉलेज वाले चाहते है की वो होस्टल और कॉलेज को केबल से इंटरनेट कनेक्शन देना चाहते हैं। दुरी ज्यादा होने के वजह डेटा सही से रिसीवर तक नहीं पोहंचता और डेटा लॉस्ट हो जाता है।
इसके लिए College और Hostel के बिच जो केबल लगेगा उस के बिच में एक Repeater लगाना पड़ेगा। हर केबल्स का data transmission distance में Limitation रहता है। तो दोस्तों कुछ इस तरह से ही Bridge होता है और यह इसी तरह से network से जुड़ा होता है। तो चलिए अगले टॉपिक की ओर बढ़ते है और network से जुड़ी कुछ नई जानकारी को प्राप्त करते हैं।
[ Conclusion, निष्कर्ष ]
दोस्तो आशा करता हूं कि आपको मेरा यह लेख Network क्या है और Network कैसे काम करता है आप को बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से वह सभी जानकारी को पूरे विस्तार से समझ चुके होंगे जिसके लिए आप हमारे वेबसाइट पर आए थे।
हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको network से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश किया है क्योंकि यह हमें मालूम है कि आज भी कोई सारे लोग ऐसे हैं जो जानना चाहते हैं।
नेटवर्क क्या है और नेटवर्क के प्रकार कितने हैं और नेटवर्क किन-किन चीजों से बनता है इन्हीं सभी सवालों का जवाब देने के लिए हमने इस लेख को स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है और आपको network से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। आप सभी पर मेरा संपूर्ण विश्वास है कि आप सभी मेरे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़ चुके होंगे और network से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।
अगर दोस्तों आपको इस पोस्ट में कहीं भी कोई भी किसी भी तरह को,पढ़ने में या किसी भी चीज में कोई भी दिक्कत हुई होगी तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में बेझिझक कुछ भी सवाल पूछ सकते हैं।
हमारी समूह आपकी मैसेज के रिप्लाई जरूर देगी और आप यह भी कमेंट में जरूर बताएं कि Network क्या है और Network कैसे काम करता है पर यह पोस्ट लगा ताकि हम आपके लिए दूसरे पोस्ट ऐसे ही लाते रहे। तो चलिए दोस्तों इसी जानकारी के साथ हम अब इस लेख को समाप्त करते हैं और अगर आपको हमरा यह पोस्ट को पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद………
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